Search This Blog

Tuesday, May 7, 2013

Toote Taare

टूटे तारे

बच्चे मन के  सच्चे सारे जग की आँख के तारे,
ये वो नन्हे फूल हैं, जो भगवान् को लगते प्यारे...

छोटे बच्चे और बच्चियां,
नन्हे फूल, नन्ही कलियाँ,
उड़ते जुगनू औ तितलियाँ,
मारे ख़ुशी से किलकारियां।

शरारत भरे इनके नज़ारे,
नटखट नादाँ इनके  इशारे,
मासूमी के पुतले सारे,
धरती पर फिरते सितारे।

आये बाग़ में दुष्ट शिकारी,
ज़ुल्मी थे जो बड़े ही भारी,
कलियाँ तोड़ी ढेर सारी,
फूल खा गए अत्याचारी।

तितली हुयीं घायल,
जुगनू हुए पागल,
तारक हुए ओझल,
धरा रक्तिम धूमल।

उजड गया चमन,
धुंधला गया गगन, 
लुट गया बचपन,
मिट गया बचपन।

ये वो नन्हे फूल थे, जो भगवान् को हो गए प्यारे,
ये वो  जगमग जुगनू थे, जो बुझ गए जैसे टूटे तारे।