Search This Blog

Thursday, March 18, 2010

Wanar Chalisa

Background: These couplets are a tribute to the monkey family which regularly visits our colony and provides us with the most innocent and wholesome entertainment without any reward, fruity or otherwise :D

वानर चालीसा

बड़े वानर, छोटे वानर, पर हैं सारे मोटे वानर!
सच कहते हैं इनको चातर,  सबका मन मोह लेते आकर!

घर की छत पे वानर खेलें,
बच्चे बूढ़े मिल देखें मेले!
लो खोली वानर ने टंकी,
मार के डुबकी, कर  ली मन-की!
बाकी वानर दौड़े आये,
इक इक करके सारे नाहे,
निराश हो गया नन्हा बच्चा,
वानर ने हल ढूँढा अच्छा,
दुम थामकर उल्टा लटका,
बच्चे ने फिर मारा छपका,
यों छत पे ये वानर खेलें,
बच्चे बूढ़े मिल देखें मेले!

अब नहीं जाते हम तो सर्कस,
घर पे देखें तमाशे हंस-हंस!
गली थी चौड़ी, ट्रेफिक ज्यादा,
पार करे तो कैसे बाबा,
नहीं था यह वानर नादान,
भांप चुका रस्ता आसान,
चंद पलों में चढ़कर खम्भा,
होशियार ने कर दिया अचम्भा!
खुशनसीब था टेलीफ़ोन तार,
लटक के जिससे पहुंचा पार,
अब नहीं जाते हम तो सर्कस,
जब-तब देखें तमाशे हंस-हंस!

खाते पत्ते, तोड़ते छत्ते,
दोस्त बन गए इनके कुत्ते!
नन्हा वानर बड़ा शैतान,
कर दे कुत्तों को हैरान!
भर चौंकड़ी बैठे पीठ पर,
गिरा न पाए उसको कूकर,
फिर कुत्ते की दुम वो खींचे,
एक छलांग में पेड़ पे पहुंचे,
अब कुत्ते को आये गुस्सा, 
भौंक के लौट चले कुछ रुस्सा,
मना ले उसको कूदके नीचे,
और फिर दौड़ें आगे पीछे,
खाते पत्ते, तोड़ते छत्ते,
दोस्त बन चुके इनके कुत्ते!

बड़े वानर, छोटे वानर, पर हैं सारे मोटे वानर!
सच कहते हैं इनको चातर, सबका मन मोह लेते आकर!

No comments:

Post a Comment