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Friday, March 16, 2012

Palken Bichaye Baithe Hain

पलकें बिछाये बैठे हैं

पलकें बिछाये बैठे हैं हम इन्बौक्स के गलीचे पर,
न आया मसेज, न आई मेल, आयीं बस आँखें भर,  

चाहत तो बहुत है पहल हम ही कर लें,
अपनी हालत की खबर उनको  कर दें,

इक इशारे का मोहताज तो समझदार होता है,
समझाये बिन जो समझे वही दिलदार होता है।

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